एटा पुलिस द्वारा अधिवक्ता के साथ मारपीट पर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान

आगरा : उत्तर प्रदेश के जनपद एटा में अधिवक्ता व उसके परिवार के साथ पुलिस द्वारा की गई मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद पुष्कर ने कोतवाली पुलिस पर आरोप लगाते हुये कहा कि एक बिल्डर के इशारे पर अधिवक्ता राजेंद्र के साथ घर में घुसकर मारपीट की और उसके बाद झूठे मुकदमें में जेल भेज दिया। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस घटना से प्रदेश भर के अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है। स्थानीय पुलिसकर्मियों व थाना इंचार्ज ने एक बिल्डर के इशारे पर अधिवक्ता राजेन्द्र के घर पर जाकर मारपीट की और झूठा केस बनाकर उन्हें जेल भेज दिया। इस घटना से प्रदेश भर के अधिवक्ता जगह-जगह ज्ञापन सौंप दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे है। कई अधिवक्ताओं ने एडीजी जोन आगरा अजय आनन्द को चार सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है और जल्द से जल्द सभी आरोपी पुलिस कर्मियों पर मुक़दमा दर्ज कर कार्यवाही की मांग की हैं। इतना ही नहीं अधिवक्ता के घर गई पूरी पुलिस टीम को जिले से बाहर भेजने की भी माँग करते हुए अधिवक्ता पर लगे फर्जी मुकदमे को हटाये जाने की भी माँग की हैं। घटना के वीडियो फुटेज वायरल होने बाद पूरे प्रदेश और देश मे विरोध प्रदर्शन हुये जिस पर आज माननीय उच्च न्यायालय अपने स्तर से स्वतः संज्ञान लिया। एटा के अधिवक्ता की पुलिस प्रताड़ना की सुनवाई कल 11 बजे कोर्ट नम्बर- सीजे कोर्ट माननीय मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर एवं सौमित्र दयाल सिंह 6018 डिवीजन बैंच में होगी। माननीय उच्च न्यायालय के इस प्रकरण गम्भीरता दिखा कर तत्काल सुनवाई से लगता है। अधिवक्ताओ गरिमा एव सम्मान को लक्षित करते हुए उच्च न्यायालय ऐतिहासिक फैसला देगा। एटा में अधिवक्ता उत्पीड़न के विरुद्ध न्यायिक पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट यदुवीर सिंह चौहान ,अजय जैन एडवोकेट, पूर्व सचिव राकेश यादव ने उच्च न्यायालय की इस पहल का स्वागत किया है। उक्त अधिवक्ताओ का मानना है जनहित के लिए स्वतः संज्ञान लेकर न्यायिक सक्रियता को परिचय दिया है। जिससे लगता है बर्बर उत्पीड़न के इस प्रकरण वास्तविक न्याय मिलेगा।