मधुमेह व दिल के मरीज सर्दी में रखें ख्याल : डॉ. प्रभात अग्रवाल

आगरा : शीतलहर चलने के कारण मौसम सर्द हो गया है ऐसे में हार्ट और हाइपरटेंशन के पेशेंट्स को बीपी पर नजर रखने की जरूरत है. सर्दी में बीपी बढ़ सकता है। सर्दी में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। डायबिटीज के पेशेंट्स को भी इस वक्त बचाव करने की जरुरत है। बीमार पड़ने से कोविड-19 के संक्रमण होने का भी खतरा है। ऐसे में पेशेंट्स सर्दी से बचें, तबीयत बिगड़ने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रभात अग्रवाल बताते हैं कि सर्दियों में दिल तक खून को ले जाने वाली नसें सिकुड़ जाती हैं, ऐसे में बीपी बढ़ने लगता है। जिन पेशेंट्स के गर्मी में बीपी नॉर्मल रहता है, उन पेशेंट्स का सर्दी में बीपी बिगड़ जाता है। इसलिए सर्दियां आते ही मरीजों को अपना बीपी जरूर चैक करना चाहिए। जिन मरीजों के पास बीपी मापने का यंत्र है, वे भी डॉक्टर के पास जाकर अपना बीपी जरूर चैक कराएं। इसके साथ ही यदि आप बीपी या दिल की दवाएं खा रहे हैं तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। ठंड के मौसम का दिल के रोगों से गहरा संबंध होता है। सर्दी की वजह से खून के प्रवाह प्रभावित होता है। ठंडे मौसम की वजह से दिल की नशें सिकुड़ जाती हैं, जिससे दिल में ब्लड और ऑक्सीजन का संचार कम होने लगता है। इससे हाइपरटेंशन और दिल के रोगों वाले पेशेंट्स में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ठंडे मौसम में ब्लड प्लेट्लेट्स ज्यादा सक्रिय और चिपचिपे होते हैं, इसलिए रक्त के थक्के जमने की आशंका भी बढ़ जाती है। इससे हार्ट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है।