कोरोना नियमों को दरकिनार कर राष्ट्रीय हिंदू परिषद ने किया हवन
कार्यक्रमों में ना भीड़ कम, ना सेनेटाइजर, ना सामाजिक दूरी और ना ही मास्क

आगरा : जनपद में धारा 144 व कोविड-19 के नियमों का पालन कराने के लिये जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा हैं। लेकिन राजनैतिक व सामाजिक संगठन द्वारा नियमों को दरकिनार कर अपना चेहरा चमकाने के लिये अनदेखी करते नजर आ रहे हैं। शहर में कई ऐसे कार्यक्रम देखने को मिल रहे हैं। जिनमें धारा 144 और कोविड-19 के नियमों को लगातार दरकिनार किया जा रहा हैं। हाल ही में हुये हरियाणा के बल्लभगढ़ में निकिता तोमर हत्याकांड को लेकर राष्ट्रीय हिंदू परिषद (भारत) संगठन द्वारा दीवानी चौराहे स्थित भारत प्रतिमा मूर्ति पर पदाधिकारियों द्वारा कानून के रखवालों की बुद्वि शुद्वि के लिये हवन किया गया संगठन के अध्यक्ष गोविंद पराशर ने बताया कि देश में लगातार हिंदू बहनों के न्याय दिलाने व अपराधियों को जल्द सजा दिलाने के लिये तीन पहलू पुलिस, बकील, जज की बुद्वि शुद्वि के लिये हवन किया गया हैं। ताकि बुद्वि स्तर कर अपराधियों को सजा दिला सके। आज के कार्यक्रम में सैकडों की संख्या में पदाधिकारी उपस्थित हुये। इस दौरान इन पदाधिकारियों ने ना सामाजिक दूरी का पालन और ना मास्क लगाया। इन सभी को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कोरोना देश से भाग गया अब शहर में कोरोना का कोई भय नही हैं।
जब इस मामले को लेकर हमारे जिला संवाददाता ने अपर जिलाधिकारी नगर प्रभाकांत अवस्थी से फोन पर वार्ता की तो उन्होंने बताया कि शहर में धारा 144 चल रही हैं। इसमें राजनैतिक व सामाजिक संगठनों को धारा 144 के साथ कोविड-19 के नियमों का पालन भी करना होगा। शहर में संगठनों द्वारा निकाले जाने वाले जुलूस व कार्यक्रमों के लिये प्रशासन की अनुमति लेनी आवश्यक हैं। ऐसा ना करने पर प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही की जायेगी। साथ ही उल्लंघन करते हुए पाया गया कोई व्यक्ति/संस्था/संगठन भारतीय दण्ड संहिता (अधिनियम संख्या-45 सन् 1860) की धारा 188 के अधीन दण्डनीय कोई अपराध किया गया समझा जायेगा। इसी क्रम में पुलिस प्रशासन द्वारा हर दिन कोविड-19 के नियमों का पालन ना करने पर कार्यवाही भी की जा रही हैं।
उल्लेखनीय हैं कि शहर हर दिन किसी ना किसी कार्य को लेकर जुलूस सामजिक कार्यक्रम अन्य कई तरह के कार्यक्रम प्रशासन की देखरेख में हो रहे हैं। जिनमें कोविड-19 के नियमों का पालन ना करना संगठनों के फैशन सा बन गया हैं। आखिर प्रशासन ऐसे संगठनों पर कार्यवाही करने से क्यों कतरा रहा हैं और ना ही कोई कार्यवाही कर रहा हैं ? जो शहर के नागरिकों के लिये सवाल बन गया हैं। ऐसे में लोगों का मानना हैं कि शहर में कोविड-19 का खतरा टला नही कई व्यापारिक संस्थान व कोचिंग सेंटर और प्राइमरी/जूनियर स्कूल तकरीबन अभी तक बंद हैं। लेकिन संगठनों द्वारा सैंकड़ो की भीड़ के साथ कार्यक्रमों पर कोई रोक नही ऐसा क्यों ? क्या नियम कानून आम जनता पर ही लागू होते हैं संगठन के लोगों पर क्यों नही ? ऐसे अनेकों सवाल शहर के नागरिकों के मन में हैं।