क्षय रोग उन्मूलन को लेकर सरकार प्रतिबद्ध : जय प्रताप सिंह

आगरा : देश से वर्ष 2025 तक क्षय रोग यानि टीबी उन्मूलन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को समय से पहले पूरा करने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह गंभीर है। इस संकल्प को सही मायने में धरातल पर उतारने को लेकर नए कार्यक्रम शुरू करने के साथ ही पहले से चल रहे कार्यक्रमों में और तेजी लायी जा रही है। टीबी उन्मूलन को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों और योजनाओं के बारे में बुधवार को प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने विस्तार से मीडिया को जानकारी देते हुये बताया कि कोविड-19 के दौरान टीबी मरीजों की खोज और पहचान के लिए चलाये जा रहे अभियान पर भी असर पड़ना स्वाभाविक था लेकिन आगामी एक नवम्बर से प्रदेश के 29 जिलों में एक बार फिर सघन टीबी रोगी खोज अभियान शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री एक नवम्बर को लखनऊ से इस अभियान का शुभारम्भ करेंगे। दस दिन तक चलने वाले इस अभियान के दौरान घर-घर जाकर टीम लोगों की स्क्रीनिंग करेगी और जिनमें लक्षण नजर आयेंगे उनके बलगम की जांच करायी जाएगी। उन्होंने टीबी के अलावा दस्तक अभियान और टीकाकरण अभियान के बारे में भी विस्तार से बताया। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 29 जनपदों अम्बेडकरनगर, अमेठी, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, चित्रकूट, अयोध्या, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, कुशीनगर, महराजगंज, महोबा, मऊ, पीलीभीत, संत रविदास नगर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, संत कबीर नगर एवं लखनऊ में एक नम्बर से 11 नवम्बर के बीच दस दिवसीय अभियान चलाया जाएगा। टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रूपये प्रतिमाह दिए जाने के लिए अप्रैल 2018 में लायी गयी निक्षय पोषण योजना बड़ी मददगार साबित हुई है। योजना के तहत प्रदेश में अब तक 162 करोड़ रुपये की धनराशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तातंरण के माध्यम से क्षय रोगियों को प्रदान की जा चुकी है। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि टीबी और कोविड के लक्षण मिलते-जुलते हैं, इसलिए ऐसे में खास सावधानी बरतने की जरूरत है। इस तरह के लक्षण वालों की कोविड की जांच के साथ टीबी की भी जांच करायी जा रही है। इससे बचने के लिए जरूरी प्रोटोकाल जैसे-मास्क पहनना अनिवार्य है, क्योंकि इन दोनों ही बीमारियों में खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों से संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए अपने साथ दूसरों को सुरक्षित करने के लिए मास्क से मुंह और नाक को ढककर रखें। इस अवसर पर स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. (मेजर) डी. एस. नेगी ने मीडिया प्रतिनिधियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए स्वास्थ्य कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने में मदद की अपील की । कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों के अलावा सेंटर फॉर एडवोकेसी और ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजी के प्रतिनिधि मौजूद रहे। इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों से 400 प्रतिभागी (मीडिया प्रतिनिधि और क्षय रोग विभाग के अधिकारी) कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े रहे।