प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मनाया विश्व आयोडिन डिफिसियेंसी दिवस

आगरा : जीवनी मंडी शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर बुधवार को विश्व आयोडिन डिफिसियेंसी डे मनाया गया। इस मौके पर गर्भवती महिलाओं को आयोडिन को अपने भोजन में संतुलित मात्रा में शामिल करने के लिये कहा गया और आयोडिन की कमी पूरा करने के लिये उपाय बताये गये। जीवनी मंडी शहरी स्वास्थ्य प्राथमिक केंद्र की प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि आयोडिन एक ऐसा तत्व है, जिसकी संतुलित मात्रा हमारे भोजन में होना बहुत जरूरी है. जन्म के बाद हमारे शारीरिक व मानसिक विकास में इस मिनरल का महत्वपूर्ण रोल होता है। इसकी कमी से कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान ही बच्चे के विकास के लिए आयोडिन का पर्याप्त सेवन बहुत जरूरी है साथ ही शरीर में आयोडीन की कमी होने पर त्वचा का सूखापन, नाखूनों और बालों का टूटना, कब्ज और भारी और कर्कश आवाज आना जैसे लक्षण सामने आने लगते हैं। इसकी कमी से वजन बढ़ने लगता है, खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है और सर्दी बहुत अधिक लगने लगती है। डॉ. मेघना ने बताया कि गर्भवती महिलाओं में आयोडिन की कमी से गर्भपात, नवजात शिशुओं का वजन कम होना, शिशु का मृत पैदा होना आदि समस्याएँ भी हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को 200-220 माइक्रोग्राम प्रतिदिन आयोडिन लेना आवशश्यक है। स्तनपान करानेवाली महिलाओं को 250-290 माइक्रोग्राम प्रतिदिन आयोडिन लेना आवश्यक है। एक वर्ष से छोटे शिशुओं को 50-90 माइक्रोग्राम आयोडिन प्रतिदिन लेना आवश्यक है। 1-11 वर्ष के बच्चों को 90-120 माइक्रोग्राम आयोडिन प्रतिदिन लेना चाहिए। वयस्कों तथा किशोरों को 150 माइक्रोग्राम आयोडिन प्रतिदिन लेना आवश्यक है।