बुजुर्गों के लिए कोरोना संक्रमण संग बदलता मौसम भी खतरे से भरा

मिशन इंडिया न्यूज़ संवाददाता-तोरन सिंह
मथुरा : दिन रोज मौसम बदल रहा है। ऊपर से कोरोना का संक्रमण फैल रहा है। इस स्थिति में बच्चे और बुजुर्गों की सेहत का ध्यान रखना है। लापरवाही परेशानी में डाल सकती है। आजकल कोविड-19 में सक्रिय रूप से ड्यूटी दे रहे डॉ हेमेंद्र कहते हैं कि सितंबर और अक्टूबर माह में मौसम बदलता है। इन दो माह में गर्मी के बाद सर्दी आती है। ऐसे में खासकर बुजर्ग बदलते तापमान को सहन नहीं करते। ऊपर से कोरोना संक्रमण चल रहा है। दोनों परिस्थितियों में बुजुर्गों की सेहत पर ध्यान ज्यादा देना जरूरी है। कोविड-19 से बचाव के लिये जरूरी है कि वह घर पर ही रहें। बुजुर्ग अक्सर अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं। ज्यादातर लोग तरह-तरह की मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। कोरोना का लोगों के दिल-दिमाग पर असर पड़ रहा है। इसलिए इस समय बुजुर्गों को अकेला नहीं छोड़ें। उनके साथ समय बिताएं। उनसे बातचीत करें। जहां तक संभव हो सके, कोरोना की चर्चा करने से बचें। ऐसी बातें करें जिनसे हंसी-खुशी का माहौल बने। वृद्धों को मौसमी फलों के साथ जूस, सूप और हर्बल टी भी पीने के लिए दें। बुजुर्गों के कपड़ों, चादरों और दूसरी चीजों की साफ-सफाई ठीक से करें। उन्हें सैनेटाइजर के इस्तेमाल के फायदे के बारे में बताएं। अगर वह बाथरूम या सिंक तक आसानी से जा सकते हैं तो बेहतर होगा कि साबुन साफ करें। अक्सर बुजुर्गों को हार्ट प्रॉब्लम, बीपी, डायबिटीज जैसी समस्याओं के लिए दवाइयां नियमित तौर पर लेनी पड़ती हैं। ऐसे में टहलना, एक्सरसाइज करना और फिजिकल एक्टिविटी हर किसी के लिए जरूरी है। बुजुर्ग लोग लॉकडाउन की वजह से बाहर नहीं जा रहे हैं तो उन्हें घर में ही टहलने या हल्के-फुल्के व्यायाम करने के लिए कहें। खुद उनके साथ कमरे या घर की छत पर टहलें।