राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों पर रोपे गये पौधे

आगरा– राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत शुक्रवार को जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पौधे रोपे गए। इसके साथ ही छह माह से ऊपर के बच्चों के लिये ऊपरी आहार पर भी चर्चा की गई। बच्चों के आहार में विविधता और पौष्टिकता को बढ़ाने के उद्देश्य से गर्भवती एवं बच्चों को जागरूक करने हेतु पोषण वाटिका लगाई गई। पोषण अभियान को गति देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी साहब यादव ने बताया कि सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर सहजन इत्यादि के पौधे लगाए गये। इसके साथ ही ये भी बताया मां के दूध के साथ बच्चे को ऊपरी आहार शुरू करना क्यों जरूरी है खाने से बच्चे को महत्वपूर्ण तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन इत्यादि मिलते हैं। जैसे बच्चा बड़ा होता है शरीर का आकार बढ़ता है। और शरीर के लिए अधिक आहार की आवश्यकता होती है। ऊपर से बच्चा चुस्त-दुरुस्त रहता है।
बच्चों को घर का बना ताजा भोजन खिलाना चाहिए। छह माह से ऊपर के बच्चों को मसला हुआ केला, उबला हुआ आलू इत्यादि खिलाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सहजन प्रोटीन कैल्शियम और आयरन का एक अच्छा स्रोत है। जिसके पत्तियों में आयरन और %9 ैल्शियम प्रचुर मात्रा में मिलता है, जबकि फलियों में प्रोटीन की मात्रा दालों से काफी अधिक होती है। गाजर में पाया जाने वाला कैरोटीन आंखों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है बच्चों की आंखों की रोशनी ठीक होती है और विटामिन ए की कमी दूर होती है, जबकि पालक आयरन का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के लिए बनने वाले दलिया में सहजन की पत्तियों, पालक और गाजर का इस्तेमाल किया जाएगा। पोषण वाटिका में फलों व सब्जियों को उगाया जाएगा जैसे आमला, करेला ,संजना ,बैंगन ,राजमा ,फूलगोभी ,सेम ,बाकला, खीरा, शिमला मिर्च, कद्दू ,तुरई ,लाल साग, पालक, टमाटर ,धनिया, पत्ता गोभी ,लौकी ,अदरक, गाजर ,मेथी का साग आदि। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने ऊपरी आहार के बारे में बताया कि प्रतिदिन आहार में साग ,हरी पत्तेदार सब्जियां, दाल, चावल, दूध- दही, मांस मछली अंडा आदि का सेवन करना चाहिए साथ ही सही समय पर गुणवत्ता और भोजन की मात्रा पर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि बच्चे कुपोषित ना हो बच्चों के पोषण हेतु गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार सेवन करना बहुत जरूरी है।