
छात्र शिव कुमार त्रिवेदी मध्य प्रदेश के पन्ना जिले का रहने वाला है. पिछले छह महीने से उसका कोई सुराग नहीं मिला है.
बीएचयू के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी छह महीने से गायब है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए वाराणसी की पुलिस को 22 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. कोर्ट ने कहा है कि पुलिस छात्र को 22 सितंबर तक पेश करे या सीबीआई जांच के लिए तैयार रहे. इससे पहले SSP वाराणसी ने जस्टिस एस के गुप्ता की डिवीजन बेंच के सामने अपना एफिडेविट पेश किया था. लेकिन कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं हुआ.
बता दें, शिव कुमार त्रिवेदी मध्य प्रदेश के पन्ना जिले का रहने वाला है. पिछले छह महीने से उसका कोई सुराग नहीं मिला है. उसके पिता गली-गली में पोस्टर लगाकर बेटे को ढूंढ़ रहे हैं. खास बात यह है कि बीएचयू छात्र शिव कुमार, पुलिस थाने से गायब हुआ था.
बीएचयू से बीएससी सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहे छात्र शिव कुमार त्रिवेदी को पुलिस 12 फरवरी के दिन अपने साथ लंका थाने ले गई थी. लेकिन तब से उसका कुछ अता पता नहीं है. शिव के पिता प्रदीप त्रिवेदी ने बताया कि बेटे शिव के लंका थाने से गायब हो जाने के बाद उसकी गुमशुदगी भी 16 फरवरी को लंका थाने में ही लिखवाई गई थी. लेकिन पुलिस खोजबीन करने के बजाए उनको इधर उधर दौड़ाती रही.
पिता ने फिर अधिकारियों के सामने गुहार लगाई. आखिरकार हाई कोर्ट की फटकार के बाद पुलिस सक्रिय हुई है. पुलिस ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि उनके बेटे को 112 नंबर की गाड़ी में बैठाकर 12 फरवरी को अपने साथ लंका थाने लेकर आई थी. लेकिन 200 दिन बीत जाने के बाद भी छात्र का कुछ अता पता नहीं चला है.
शिव के पिता प्रदीप ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे के नहीं मिलने तक नंगे पांव ही रहने का संकल्प लिया है और अगर उनका बेटा एक वर्ष में नहीं मिला तो वे लंका थाने के सामने ही आत्महत्या कर लेंगे.
भेलूपुर सर्किल के एएसपी अजित बघेल ने बताया कि शिव कुमार त्रिवेदी के मामले में गुमशुदगी की रिपोर्ट 16 फरवरी को लिखी जा चुकी है. उसकी खोज के लिए बाकायदा पैम्फलेट छपवाकर बांटे गए हैं. अन्य कोशिश भी जारी है. शिव के सोशल मीडिया अकाउंट को भी खंगाला जा रहा है और उससे मिलते जुलते व्यक्ति की भी पहचान कराई जा रही है.